तारों की रात थी
चांद घूमने निकला
चौराहे पर पहुंचा तो तीन तारे बात कर रहे थे
क्या कीमत थी तारे बनने की
Was it worth it? चांद ने कहा
जो कीमत चुकाई उसका सोच रहे हो
या जो कीमत चुका रहे हो उसका
How about
तुम जगमगाओ , ऐसा जगमगाओ
जो तुम्हारी चमक को देखो वो बोले
It’s worth it!!! सोचा है कभी
प्रकाश आता कहां से है
सूरज जलता कितना है
क्या लगा उसे प्रकाश बनाने में
हम कभी जिंदगी को और कभी जिंदगी हमे देखती है
क्या करोगे जगमगाने के लिए
आधी जिंदगी निकल गई सोचते –सोचते कैसे पहुंचे , कहां पहुंचे ?
ठहरो, पलटो, देखो जहां भी पहुंचे , पहुंचे तो सही!!